मुन्नी रानी
मुन्नी रानी मुन्नी रानी,
करती क्यों इतनी शैतानी |
हाथ पैर और मुंह धुलवाले |
पगली, काजल तो लगवाले ||
तेल लगा ले कर ले चोटी |
खा फिर मन भर मक्खन रोटी |
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