-प्रार्थना -
कहाँ तुम रहते हो , भगवान!
कभी न तुमको देखा मैंने ,
सका न तुमको जान |
रहते हो तुम पास हमारे ,
फिर कैसे लूँ मान |
तजो , अकेले रहने की ,
क्यों डाली ऐसी बान |
नाथ! ऊबते होगे ,
कर लो हमसे ही पहचान |
कहाँ तुम रहते हो , भगवान!
कभी न तुमको देखा मैंने ,
सका न तुमको जान |
रहते हो तुम पास हमारे ,
फिर कैसे लूँ मान |
तजो , अकेले रहने की ,
क्यों डाली ऐसी बान |
नाथ! ऊबते होगे ,
कर लो हमसे ही पहचान |
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