-बाल विनय -
बहुत मैं तुमसे पाता हूँ ,
तुम्हे कुछ देने लाता हूँ |
सुनता हूँ हो बिना हाथ के ,
ले लो मेरे हाथ |
उनके द्वारा जो चाहो सो ,
करो जगत में नाथ |
माथ मैं तुम्हें झुकाता हूँ |
तुम्हे कुछ देने लाता हूँ |
सुनता हूँ हो बिना पैर के ,
ले लो मेरे पैर |
उनके द्वारा जब चाहो तब ,
करो जगत की सैर |
गैर के पास न जाता हूँ ,
तुम्हे कुछ देने आता हूँ |
सुनता हूँ हो बिना गात के ,
ले लो मेरे गात |
जिसको चाहो उसको दर्शन ,
दिया करो दिन रात |
बात हित की बतलाता हूँ ,
तुम्हे कुछ देने लाता हूँ |
यानी अपनी इच्छा की लो ,
बना मुझे तसवीर |
सेवा करूँ तुम्हारे जग की,
जब तक रहे शरीर |
तीर सा दौड़ा आता हूँ |
तुम्हे कुछ देने लाता हूँ |
बहुत मैं तुमसे पाता हूँ ,
तुम्हे कुछ देने लाता हूँ |
सुनता हूँ हो बिना हाथ के ,
ले लो मेरे हाथ |
उनके द्वारा जो चाहो सो ,
करो जगत में नाथ |
माथ मैं तुम्हें झुकाता हूँ |
तुम्हे कुछ देने लाता हूँ |
सुनता हूँ हो बिना पैर के ,
ले लो मेरे पैर |
उनके द्वारा जब चाहो तब ,
करो जगत की सैर |
गैर के पास न जाता हूँ ,
तुम्हे कुछ देने आता हूँ |
सुनता हूँ हो बिना गात के ,
ले लो मेरे गात |
जिसको चाहो उसको दर्शन ,
दिया करो दिन रात |
बात हित की बतलाता हूँ ,
तुम्हे कुछ देने लाता हूँ |
यानी अपनी इच्छा की लो ,
बना मुझे तसवीर |
सेवा करूँ तुम्हारे जग की,
जब तक रहे शरीर |
तीर सा दौड़ा आता हूँ |
तुम्हे कुछ देने लाता हूँ |
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