-मुन्नी और पिल्ला -
मुन्नी से है अधिक चिबिल्ला ,
उसका प्यारा छोटा पिल्ला |
मुन्नी के संग आता जाता ,
मुन्नी के संग दौड़ लगाता |
मुन्नी को अम्मा समझाती ,
भला क्यों न तू पढ़ने जाती ?
पर मुन्नी कुछ ध्यान न देती |
पिल्ले के संग वह चल देती |
दोनो ही करते शैतानी,
ऊब गई थी उनसे नानी |
कहाँ गये वे पता न चलता ,
उन्हें खोजना माँ को खलता |
खेत बाग वन ,नदि व नाले ,
दोनों ने थे देखे भाले |
घर में वे न बैठते छिन भर ,
बस घूमा ही करते दिन भर |
इससे अम्मा ने गुस्साकर ,
बन्द किया ताले के अन्दर |
मुन्नी करती ऊँ -ऊँ ,ऊँ ऊँ ,
पिल्ला करता पूँ ,पूँ ,पूं ,पूं |
लेकिन माँ ने उन्हें न छोड़ा ,
उसको दया न आई थोडा |
तब मुन्नी बोली यों रोकर ,
पिल्ले को तो कर दो बाहर |
मुन्नी से है अधिक चिबिल्ला ,
उसका प्यारा छोटा पिल्ला |
मुन्नी के संग आता जाता ,
मुन्नी के संग दौड़ लगाता |
मुन्नी को अम्मा समझाती ,
भला क्यों न तू पढ़ने जाती ?
पर मुन्नी कुछ ध्यान न देती |
पिल्ले के संग वह चल देती |
दोनो ही करते शैतानी,
ऊब गई थी उनसे नानी |
कहाँ गये वे पता न चलता ,
उन्हें खोजना माँ को खलता |
खेत बाग वन ,नदि व नाले ,
दोनों ने थे देखे भाले |
घर में वे न बैठते छिन भर ,
बस घूमा ही करते दिन भर |
इससे अम्मा ने गुस्साकर ,
बन्द किया ताले के अन्दर |
मुन्नी करती ऊँ -ऊँ ,ऊँ ऊँ ,
पिल्ला करता पूँ ,पूँ ,पूं ,पूं |
लेकिन माँ ने उन्हें न छोड़ा ,
उसको दया न आई थोडा |
तब मुन्नी बोली यों रोकर ,
पिल्ले को तो कर दो बाहर |
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