- फूलों का गीत -
फूल जगत के हैं हम प्यारे ,
रूप रँग में न्यारे न्यारे |
काम हमारा है मुस्काना ,
सुन्दर पास पड़ोस बनाना |
ओस सुबह की नहला देती ,
तितली आन बलैया लेती |
भौंरे गान सुना जाते हैं ,
जहाँ हमें फूला पाते हैं |
पाठ प्रेम का पढ़ते आला ,
एक बनाते हम मिल माला |
सदा मेल से शोभा पाते ,
भेद भाव हम दूर भगाते |
चढ़े सिरों पर आदर पावें ,
या सड़कों पर कुचले जावें |
कभी न मुख पर दुःख लावेंगे ,
हर हालत में मुस्कावेंगे |
खिलें बाग में या घूरे पर ,
हम लेते हैं प्रण पूरे कर |
यानि हँसते औ' मुस्काते ,
सुन्दर पास पड़ोस बनाते |
फूल जगत के हैं हम प्यारे ,
रूप रँग में न्यारे न्यारे |
काम हमारा है मुस्काना ,
सुन्दर पास पड़ोस बनाना |
ओस सुबह की नहला देती ,
तितली आन बलैया लेती |
भौंरे गान सुना जाते हैं ,
जहाँ हमें फूला पाते हैं |
पाठ प्रेम का पढ़ते आला ,
एक बनाते हम मिल माला |
सदा मेल से शोभा पाते ,
भेद भाव हम दूर भगाते |
चढ़े सिरों पर आदर पावें ,
या सड़कों पर कुचले जावें |
कभी न मुख पर दुःख लावेंगे ,
हर हालत में मुस्कावेंगे |
खिलें बाग में या घूरे पर ,
हम लेते हैं प्रण पूरे कर |
यानि हँसते औ' मुस्काते ,
सुन्दर पास पड़ोस बनाते |
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