-आम -
घर में मेरे आये आम ,
मजे बड़े ले आये आम |
मुन्नू ,चुन्नू ,चंपा ,चंदो ,
सबने मिल कर खाये आम |
बिन दातों की मुन्नी से हैं ,
उठते नहीं उठाये आम |
गली गली में छाये आम ,
मजे बड़े ले आये आम |
आंधी आई टूटे आम |
लड़कों ने मिल लूटे आम |
देखो जरा संभल कर चूसो ,
कहीं न दब कर फूटे आम |
ओ हो ! कपड़े रंगे तमाम ,
मजे बड़े ले आये आम |
घर में मेरे आये आम ,
मजे बड़े ले आये आम |
मुन्नू ,चुन्नू ,चंपा ,चंदो ,
सबने मिल कर खाये आम |
बिन दातों की मुन्नी से हैं ,
उठते नहीं उठाये आम |
गली गली में छाये आम ,
मजे बड़े ले आये आम |
आंधी आई टूटे आम |
लड़कों ने मिल लूटे आम |
देखो जरा संभल कर चूसो ,
कहीं न दब कर फूटे आम |
ओ हो ! कपड़े रंगे तमाम ,
मजे बड़े ले आये आम |
In panktiyo ko adhikadhik bachcho tak pahuchna chaiye.......
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