-एक गुरु के शिष्य -
शिष्य एक गुरु के हैं हम सब ,
एक पाठ पढ़ने वाले |
एक फ़ौज के वीर सिपाही ,
एक साथ बढ़ने वाले |
धनी निर्धनी ऊँच नीच का ,
हममे कोई भेद नहीं |
एक साथ हम सदा रहे ,
तो हो सकता कुछ खेद नहीं |
हर सहपाठी के दुःख को ,
हम अपना ही दुःख जानेंगे |
हर सहपाठी को अपने से ,
सदा अधिक प्रिय मानेंगे |
अगर एक पर पड़ी मुसीबत ,
दे देंगे सब मिल कर जान |
सदा एक स्वर से सब भाई,
गायेंगे स्वदेश का गान |
शिष्य एक गुरु के हैं हम सब ,
एक पाठ पढ़ने वाले |
एक फ़ौज के वीर सिपाही ,
एक साथ बढ़ने वाले |
धनी निर्धनी ऊँच नीच का ,
हममे कोई भेद नहीं |
एक साथ हम सदा रहे ,
तो हो सकता कुछ खेद नहीं |
हर सहपाठी के दुःख को ,
हम अपना ही दुःख जानेंगे |
हर सहपाठी को अपने से ,
सदा अधिक प्रिय मानेंगे |
अगर एक पर पड़ी मुसीबत ,
दे देंगे सब मिल कर जान |
सदा एक स्वर से सब भाई,
गायेंगे स्वदेश का गान |
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