शाम
कैसी घड़ी शाम की आई |
पच्छिम में है लाली छाई||
गलियों में गौधूलि छाई |
हल बैलों ने छुट्टी पाई ||
हिलती हैं अब नहीं लताएँ |
लौट रही हैं वन से गायें ||
खुश हो हो किसान गाते हैं |
खेतों से घर को आते हैं ||
पेड़ों पर कोलाहल छाया |
चिड़ियों ने है शोर मचाया ||
गई बालकों से घिर नानी |
सोच रही है नई कहानी ||
मोहन अब खा चुका मलाई |
चंदा मामा पड़े दिखाई ||
लल्ली भी गाती है लोरी |
कहती - सो जा गुड़िया गोरी ||
उतर रही है नींद निराली |
ले सुंदर सपनो की जाली ||
बंद हुए सब खेल खिलौने |
बच्चों के बिछ गये बिछौने ||
क्यों दीपक से खेल रहे हो ?
लगा हाथ में तेल रहे हो ?
देखो क्या कहते हैं तारे |
शाम हुई सो जाओ प्यारे ||
कैसी घड़ी शाम की आई |
पच्छिम में है लाली छाई||
गलियों में गौधूलि छाई |
हल बैलों ने छुट्टी पाई ||
हिलती हैं अब नहीं लताएँ |
लौट रही हैं वन से गायें ||
खुश हो हो किसान गाते हैं |
खेतों से घर को आते हैं ||
पेड़ों पर कोलाहल छाया |
चिड़ियों ने है शोर मचाया ||
गई बालकों से घिर नानी |
सोच रही है नई कहानी ||
मोहन अब खा चुका मलाई |
चंदा मामा पड़े दिखाई ||
लल्ली भी गाती है लोरी |
कहती - सो जा गुड़िया गोरी ||
उतर रही है नींद निराली |
ले सुंदर सपनो की जाली ||
बंद हुए सब खेल खिलौने |
बच्चों के बिछ गये बिछौने ||
क्यों दीपक से खेल रहे हो ?
लगा हाथ में तेल रहे हो ?
देखो क्या कहते हैं तारे |
शाम हुई सो जाओ प्यारे ||
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