उलझन
कोई मुझको बेटा कहता ,
कोई कहता बच्चा |
कोई मुझको मुन्नू कहता ,
कोई कहता चच्चा |
कोई कहता लकड़ा मकड़ा ,
कोई कहता लौआ |
कोई मुझको चूम प्यार से कहता मेरे कौआ |
कल आकर इक औरत बोली ,
तू है मेरा गहना |
रोटी अगर समझती वह तो ,
मुश्किल होता रहना |
सब सहता हूँ पर बढ़ता है ,
दुःख अन्दर ही अन्दर |
गालो पर जब चूम चूम ,
माँ कहती -मेरे बन्दर |
0 comments:
Post a Comment