सो जा बच्चा ,सो जा छौना !
गुलगुल -गुलगुल बिछा बिछौना ||
आँख मूँद ले बीत गया दिन |
है बढ़ रहा अँधेरा छिन -छिन ||
बन्द हुआ चिड़ियों का गाना |
निकल रहा है चाँद सुहाना ||
चमक रहें हैं चम -चम तारे |
सो जा बेटा ,सो जा प्यारे !
खिड़की पर है जगता तोता |
दरवाजे पर कुत्ता सोता ||
तेरे ऊपर माँ का कर है |
सो जा ,नहीं किसी का डर है ||
(शिशु मई १९४६ )
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