है कैसा अलियल घोला !
घल ते बाअल , मुजको लाकल ,
तलने से मुख मोला !
है कैछा अलियल घोला !
पीचे आगे ,कईं न भागे ,
तका माल मैं कोला |
है कैछा अलियल घोला !
तल -तल प्याले !लाज दुलाले !
औल तलातल तोला |
है कैछा अलियल घोला !
(शिशु नवम्बर १९४६ )
0 comments:
Post a Comment