Tuesday, 27 October 2015

सो जा गुड़िया

(१)

सूरज डूबा निकले तारे |

घर के बिछे बिछौने सारे ||

सो जा गुड़िया सो जा रानी |

आज कहूँगी नहीं कहानी ||

(२)

जैसे माँ है मुझे सुलाती |

थपकी दे दे लोरी गाती ||

वैसे तुझे सुलाऊँगी मैं |

गीत निराले गाऊंगी मैं ||

(३)

आँख फाड़ क्या देख रही है |

गुप चुप क्या तू लेख रही है ||

क्या कानों की बाली मेरे |

लेने की है मन में तेरे ||

(४)

ओहो अभी न ऐसा हठ कर |

रात हुई ,है चोरों का डर ||

होने तो दे जरा सवेरा |

गहने ढँक देंगे तन तेरा ||

(५)

घड़ी देख तो दस बजता है |

असमय में कोई सजता है ||

सुन तो क्या कहते हैं दादा |

ठीक नहीं है जगना ज्यादा ||

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