इन्द्रधनुष
इन्द्रधनुष निकला है कैसा |
कभी न देखा होगा ऐसा ||
रंग बिरंगा नया निराला ,
पीला लाल बैंगनी काला |
हरा और नारंगी नीला ,
चोखा चमकदार चटकीला |
इस दुनिया से आसमान पर ,
पुल सा चढ़ा हुआ है सुंदर |
है कतार मोरों की आला ,
या बहुरंन्गी मोहन माला |
अटक गया है बादल में या ,
सूर्यदेव के रथ का पहिया |
पृथ्वी पर छाई हरियाली ,
बहती ठंडी हवा निराली|
जरा जरा बूंदें झड़ती हैं ,
नदियाँ क्या उमड़ी पड़ती हैं |
इन सबसे बढ़ कर इकला ,
वह जो इन्द्रधनुष है निकला |
खड़ा स्वर्ग सा दरवाजा ,
तू भी लख रे अम्मा , आ जा |
इन्द्रधनुष निकला है कैसा |
कभी न देखा होगा ऐसा ||
रंग बिरंगा नया निराला ,
पीला लाल बैंगनी काला |
हरा और नारंगी नीला ,
चोखा चमकदार चटकीला |
इस दुनिया से आसमान पर ,
पुल सा चढ़ा हुआ है सुंदर |
है कतार मोरों की आला ,
या बहुरंन्गी मोहन माला |
अटक गया है बादल में या ,
सूर्यदेव के रथ का पहिया |
पृथ्वी पर छाई हरियाली ,
बहती ठंडी हवा निराली|
जरा जरा बूंदें झड़ती हैं ,
नदियाँ क्या उमड़ी पड़ती हैं |
इन सबसे बढ़ कर इकला ,
वह जो इन्द्रधनुष है निकला |
खड़ा स्वर्ग सा दरवाजा ,
तू भी लख रे अम्मा , आ जा |
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