कागज की नाव
यह कागज की नाव हमारी,
यह टब बना समुंदर भारी |
मुन्नी चुन्नी चम्पा भोला,
मोहन सोहन श्याम मुरारी|
इस सागर के खड़े किनारे,
हम सब संगी साथी प्यारे|
अपनी नाव चलाते हैं हम,
इधर न आ तू तेज हवा रे |
हम सब भारत माँ चाकर,
हम सब वीर साहसी सुंदर|
बन्धन मुक्त करेंगे जग को,
सचमुच के जलयान चलाकर|
यह कागज की नाव हमारी,
यह टब बना समुंदर भारी |
मुन्नी चुन्नी चम्पा भोला,
मोहन सोहन श्याम मुरारी|
इस सागर के खड़े किनारे,
हम सब संगी साथी प्यारे|
अपनी नाव चलाते हैं हम,
इधर न आ तू तेज हवा रे |
हम सब भारत माँ चाकर,
हम सब वीर साहसी सुंदर|
बन्धन मुक्त करेंगे जग को,
सचमुच के जलयान चलाकर|
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