-बाल - लीला -
हैं बस हिलती डुलती पुतली |
अभी बोलते बोली तुतली |
पर ये दोनों आँखें प्यारी |
सदा मांगती दुनिया सारी ||
इनकी अजब अजीब कहानी |
चाहे पत्थर हो या पानी ||
रखते जग में सब से नाता |
कोई माता कोई भ्राता ||
कभी चोर बनते छिप जाते |
जू जू बन कर कभी डराते |
या कोयल बन कू ! कू ! गाते |
तरह तरह के वेष बनाते ||
जो लखते उस पर ललचाते |
आ जा , आ जा ,उसे बुलाते ||
आता अगर न तो झल्लाते |
बड़े बड़े आँसू टपकाते ||
जिसको इतना रो कर पाते |
छिन में भूल उसी को जाते ||
किसी और हित मुँह कर गीला |
बड़ी निराली इनकी लीला ||
हैं बस हिलती डुलती पुतली |
अभी बोलते बोली तुतली |
पर ये दोनों आँखें प्यारी |
सदा मांगती दुनिया सारी ||
इनकी अजब अजीब कहानी |
चाहे पत्थर हो या पानी ||
रखते जग में सब से नाता |
कोई माता कोई भ्राता ||
कभी चोर बनते छिप जाते |
जू जू बन कर कभी डराते |
या कोयल बन कू ! कू ! गाते |
तरह तरह के वेष बनाते ||
जो लखते उस पर ललचाते |
आ जा , आ जा ,उसे बुलाते ||
आता अगर न तो झल्लाते |
बड़े बड़े आँसू टपकाते ||
जिसको इतना रो कर पाते |
छिन में भूल उसी को जाते ||
किसी और हित मुँह कर गीला |
बड़ी निराली इनकी लीला ||
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