-उलझन -
कोई मुझको बेटा कहता ,
कोई कहता बच्चा |
कोई मुझको मुन्नू कहता ,
कोई कहता चच्चा |
कोई कहता लकड़ा ! मकड़ा!
कोई कहता लौआ |
कोई मुझको चूम प्यार से ,
कहता मेरे कौआ ||
कल आकर इक औरत बोली ,
तू है मेरा गहना |
रोटी अगर समझती वह तो ,
मुश्किल होता रहना |
सब सहता हूँ पर बढ़ता है ,
दुःख अन्दर ही अन्दर |
गालों पर जब चूम चूम ,
माँ कहती - मेरे बन्दर |
कोई मुझको बेटा कहता ,
कोई कहता बच्चा |
कोई मुझको मुन्नू कहता ,
कोई कहता चच्चा |
कोई कहता लकड़ा ! मकड़ा!
कोई कहता लौआ |
कोई मुझको चूम प्यार से ,
कहता मेरे कौआ ||
कल आकर इक औरत बोली ,
तू है मेरा गहना |
रोटी अगर समझती वह तो ,
मुश्किल होता रहना |
सब सहता हूँ पर बढ़ता है ,
दुःख अन्दर ही अन्दर |
गालों पर जब चूम चूम ,
माँ कहती - मेरे बन्दर |
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