- चूहा-
बैठे बैठे दिन भर बिल में |
क्या सोचा करते हो दिल में?
चूहे जी बाहर तो आओ |
कोई अपनी कथा सुनाओ ||
कुतर नई गुड़ियों की धोती |
किस लड़की को छोड़ा रोती ?
किस लड़के की पुस्तक सुंदर ,
काट छिपे हो बिल के अन्दर ?
किसके तुमने चने चबाये ?
किसके तुमने चावल खाये ?
किसका तुमने घी पी डाला ?
चुरा ले गये किसकी माला ?
कितने जूठे बरतन चाटे ?
किये कहाँ तक सैर सपाटे ?
कितनी चतुर बिल्लियों से बच |
आये हो बतलाना सच सच ?
दांत बने हैं तेज तुम्हारे |
ये चोखे हथियार तुम्हारे ||
इनके ही बल हो मनमाना |
तुम खोदा करते बिल नाना||
पर दुम है कुछ काम न देती |
उल्टा जान तुम्हारी लेती ||
पकड़ उसे यदि कौवे पाते|
तुम्हे उठा ले जाते खाते ||
करके किसकी नक़ल निराली ?
तुमने ऐसी दुम लगवाली ?
कुछ तो चूं! चूं ! बोलो प्यारे!
छिपे हुये हो क्यों मन मरे?
बैठे बैठे दिन भर बिल में |
क्या सोचा करते हो दिल में?
चूहे जी बाहर तो आओ |
कोई अपनी कथा सुनाओ ||
कुतर नई गुड़ियों की धोती |
किस लड़की को छोड़ा रोती ?
किस लड़के की पुस्तक सुंदर ,
काट छिपे हो बिल के अन्दर ?
किसके तुमने चने चबाये ?
किसके तुमने चावल खाये ?
किसका तुमने घी पी डाला ?
चुरा ले गये किसकी माला ?
कितने जूठे बरतन चाटे ?
किये कहाँ तक सैर सपाटे ?
कितनी चतुर बिल्लियों से बच |
आये हो बतलाना सच सच ?
दांत बने हैं तेज तुम्हारे |
ये चोखे हथियार तुम्हारे ||
इनके ही बल हो मनमाना |
तुम खोदा करते बिल नाना||
पर दुम है कुछ काम न देती |
उल्टा जान तुम्हारी लेती ||
पकड़ उसे यदि कौवे पाते|
तुम्हे उठा ले जाते खाते ||
करके किसकी नक़ल निराली ?
तुमने ऐसी दुम लगवाली ?
कुछ तो चूं! चूं ! बोलो प्यारे!
छिपे हुये हो क्यों मन मरे?
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