-दिवाली-
आई दिवाली लाई खिलौने ,
रँग बिरँगे लम्बे बौने |
लिपे पुते घर लगे सुहाने ,
चलते हैं हम दीप जलाने |
चीजों की भरमार बड़ी है ,
सड़क समूची पटी पड़ी है |
लगा दिवाली का है मेला ,
हटा अँधेरा फटा उजाला |
दूर दूर तक दीप जले हैं ,
दिखते कितने भव्य भले हैं |
बल्ब सजे घर घर इतने हैं ,
पेड़ों में पत्ते जितने हैं |
लड़के बने सिपाही बाँके ,
शोर बढ़ाते छुड़ा पटाखे |
सीमा पर दुश्मन आयेगा ,
इनसे पार नहीं पायेगा |
गीत खुशी के गाते हैं हम ,
प्रभु से यही मनाते हैं हम |
चाहे जैसी निशि हो काली ,
ज्योतित कर दे उसे दिवाली |
आई दिवाली लाई खिलौने ,
रँग बिरँगे लम्बे बौने |
लिपे पुते घर लगे सुहाने ,
चलते हैं हम दीप जलाने |
चीजों की भरमार बड़ी है ,
सड़क समूची पटी पड़ी है |
लगा दिवाली का है मेला ,
हटा अँधेरा फटा उजाला |
दूर दूर तक दीप जले हैं ,
दिखते कितने भव्य भले हैं |
बल्ब सजे घर घर इतने हैं ,
पेड़ों में पत्ते जितने हैं |
लड़के बने सिपाही बाँके ,
शोर बढ़ाते छुड़ा पटाखे |
सीमा पर दुश्मन आयेगा ,
इनसे पार नहीं पायेगा |
गीत खुशी के गाते हैं हम ,
प्रभु से यही मनाते हैं हम |
चाहे जैसी निशि हो काली ,
ज्योतित कर दे उसे दिवाली |
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