- बसन्त-
बसन्त आया ,बसन्त आया ,
बन बागों की महकी काया |
लाल लाल पत्तियां निराली ,
निकल लगीं फैलाने लाली |
देखो जहाँ फूल ही छाये ,
टेसू खिले आम बौराये |
जामुन नीम आदि सब फूले ,
सब पर भौंरे झपटे झूले |
सरसों फूली पीली पीली ,
अलसी फूली नीली नीली |
उड़ने तितली लगी रंगीली ,
खेतों की है छटा छबीली |
मधु मक्खियाँ लगीं मंडराने ,
फूलों से फूलों पर जाने |
कू कू बोली कोयल काली ,
सचमुच है बसन्त बनमाली |
बसन्त आया ,बसन्त आया ,
बन बागों की महकी काया |
लाल लाल पत्तियां निराली ,
निकल लगीं फैलाने लाली |
देखो जहाँ फूल ही छाये ,
टेसू खिले आम बौराये |
जामुन नीम आदि सब फूले ,
सब पर भौंरे झपटे झूले |
सरसों फूली पीली पीली ,
अलसी फूली नीली नीली |
उड़ने तितली लगी रंगीली ,
खेतों की है छटा छबीली |
मधु मक्खियाँ लगीं मंडराने ,
फूलों से फूलों पर जाने |
कू कू बोली कोयल काली ,
सचमुच है बसन्त बनमाली |
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