बरात
मुन्नू मुन्नू आजा आजा|
बजने लगा द्वार पर बाजा|
पीं पीं चीं चीं ढम ढम ढम ढम |
खिड़की पर से देखेंगे हम|
ओ हो ,आतिशबाजी छूटी |
फुलवारी सी नभ में फूटी|
ऊँचा खूब उठा गुब्बारा ,
हो मानो वह लाल सितारा|
हाथी घोड़े ऊंट खड़े हैं,
जिन पर लोग चढ़े अकड़े हैं|
दिखलाई देतें हैं ऐसे,
मेले की हों चीजें जैसे |
हुई रौशनी कैसी भाई ,
चकचौंधि आँखों में आई|
कई कई परछाईं लेकर,
चलतें हैं सब चकित हमें कर|
चारों तरफ मची है हलचल,
अम्मा, जरा सड़क पर तो चल|
देखें कैसा दूल्हा आया,
कैसा उसने मौर बंधाया |
मुन्नू मुन्नू आजा आजा|
बजने लगा द्वार पर बाजा|
पीं पीं चीं चीं ढम ढम ढम ढम |
खिड़की पर से देखेंगे हम|
ओ हो ,आतिशबाजी छूटी |
फुलवारी सी नभ में फूटी|
ऊँचा खूब उठा गुब्बारा ,
हो मानो वह लाल सितारा|
हाथी घोड़े ऊंट खड़े हैं,
जिन पर लोग चढ़े अकड़े हैं|
दिखलाई देतें हैं ऐसे,
मेले की हों चीजें जैसे |
हुई रौशनी कैसी भाई ,
चकचौंधि आँखों में आई|
कई कई परछाईं लेकर,
चलतें हैं सब चकित हमें कर|
चारों तरफ मची है हलचल,
अम्मा, जरा सड़क पर तो चल|
देखें कैसा दूल्हा आया,
कैसा उसने मौर बंधाया |
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