जादूगर और डाकू
चीन देश का जादूगर ,
जाता था जब अपने घर|
मिले राह में उसको डाकू ,
लिए तेज तलवार व चाकू |
बिल्ली जैसे चूहे पर ,
यों दोनों झपटे उस पर|
जादूगर हो गया खड़ा ,
अचरज उसको हुआ बड़ा |
किया देवता का सुमिरन ,
मंत्र पढ़ा उसने फ़ौरन |
पिघलीं तलवारें ज्यों पानी,
हुई डाकुओं को हैरानी |
चीन देश का जादूगर ,
जाता था जब अपने घर|
मिले राह में उसको डाकू ,
लिए तेज तलवार व चाकू |
बिल्ली जैसे चूहे पर ,
यों दोनों झपटे उस पर|
जादूगर हो गया खड़ा ,
अचरज उसको हुआ बड़ा |
किया देवता का सुमिरन ,
मंत्र पढ़ा उसने फ़ौरन |
पिघलीं तलवारें ज्यों पानी,
हुई डाकुओं को हैरानी |
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