-चमेली-
धूल उड़ी या बरसा पानी ,
मूर्ख बढ़े या उपजे ज्ञानी |
सबको हँसती मिली चमेली ,
फिर उजड़ी फिर खिली चमेली |
राजाओं में ठनी लड़ाई ,
जीत हुई या आफत आई |
महल ढहे या उठी हवेली ,
फिर उजड़ी फिर खिली चमेली |
भय चिन्ता को पास न लाओ ,
आगे बढ़े बराबर जाओ |
भूलो मत यह सखा सहेली,
फिर उजड़ी फिर खिली चमेली |
धूल उड़ी या बरसा पानी ,
मूर्ख बढ़े या उपजे ज्ञानी |
सबको हँसती मिली चमेली ,
फिर उजड़ी फिर खिली चमेली |
राजाओं में ठनी लड़ाई ,
जीत हुई या आफत आई |
महल ढहे या उठी हवेली ,
फिर उजड़ी फिर खिली चमेली |
भय चिन्ता को पास न लाओ ,
आगे बढ़े बराबर जाओ |
भूलो मत यह सखा सहेली,
फिर उजड़ी फिर खिली चमेली |
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