-सहेली-
बनी न रह अनजान सहेली ,
अपने को पहचान सहेली |
गहने धर दे अलमारी में ,
छिदा न नाहक कान सहेली |
तेरी सेवा का भूखा है ,
सारा हिंदुस्तान सहेली|
उठ उठ चतुर सुजान सहेली ,
अपने को पहचान सहेली |
पड़ी न रह दिन भर बिस्तर में,
मूरख बन कर बैठ न घर में |
सुन तो क्या कहता है भैया ,
चल चल मेरे साथ समर में |
रख भैया का मान सहेली ,
संभले हिंदुस्तान सहेली |
बनी न रह अनजान सहेली ,
अपने को पहचान सहेली |
गहने धर दे अलमारी में ,
छिदा न नाहक कान सहेली |
तेरी सेवा का भूखा है ,
सारा हिंदुस्तान सहेली|
उठ उठ चतुर सुजान सहेली ,
अपने को पहचान सहेली |
पड़ी न रह दिन भर बिस्तर में,
मूरख बन कर बैठ न घर में |
सुन तो क्या कहता है भैया ,
चल चल मेरे साथ समर में |
रख भैया का मान सहेली ,
संभले हिंदुस्तान सहेली |
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