भाड़
गर्मी जो आयी
तो लाई लपट लू
जल उठा भड़भूजे का भाड़
उसने भी लाई की ,
- कि शुरू भुनाई |
इतनी भुनाई की , इतनी भुनाई,
कि लाई कड़ कड़ाई जैसे हाड़
प्यास लगी पानी पिया
उसको पसीना हुआ
इतना पसीना हुआ इतना पसीना
कि लाई उतराई जैसे माड़ |
आंधी पानी
आंधी पानी लाये हम
छाते नए लगाये हम
बिजली चमके चम - चम- चम
पानी बरसे झम- झम -झम
लेकिन भीग न पाये हम
छाते नए लगाये हम
तेज हवा है ओ-हो -हो |
मेरे छाते को पकड़ो |
आंधी पानी लाये हम
छाते नए लगाये हम
आंधी पानी लाये हम
छाते नए लगाये हम
बिजली चमके चम - चम- चम
पानी बरसे झम- झम -झम
लेकिन भीग न पाये हम
छाते नए लगाये हम
तेज हवा है ओ-हो -हो |
मेरे छाते को पकड़ो |
आंधी पानी लाये हम
छाते नए लगाये हम
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